रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
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पीता था शराब मैं उसने दी छुड़ा
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
पी चुके हैं शराब हम हर गली
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
या खुदा दिल तो तुडवा दिया तूने इश्क
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
तू डालता जा साकी शराब मेरे
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- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना
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- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
मोहब्बत से गुजरा हूँ
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- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों, मुझमें जान आ गयी है, पीछे मुड़के देखो कमीनो, दारू की दुकान आ गयी है…
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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