मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
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पीता था शराब मैं उसने दी छुड़ा
- Post author By Ravi Nitharwal
- Post date December 30, 2021
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
पी चुके हैं शराब हम हर गली
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- Post date December 30, 2021
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
मोहब्बत भी उस मोड़ पे पहुँच चुकी है
- Post author By Ravi Nitharwal
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
या खुदा दिल तो तुडवा दिया तूने इश्क
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
तू डालता जा साकी शराब मेरे
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
मोहब्बत से गुजरा हूँ
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
रोक दो मेरे जनाज़े को जालिमों
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
पीके रात को हम उनको भुलाने लगे
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
रात चुप है मगर चाँद खामोश नहीं
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना
दिल के दर्द से बड़ा कोई दर्द नहीं होता
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मेरी कबर पे मत गुलाब लेके आना न ही हाथों में चिराग लेके आना प्यासा हूँ मैं बरसो से जानम बोतल शराब की और एक गिलास लेके आना